Saharanpur News
Saharanpur News: चुनावी बेला में नेताओं का पाला बदलना बताए जाते हैं। कोई नई बात नहीं है। दिलचस्प ये है कि सहारनपुर (Saharanpur News) में नगर निकाय चुनाव से पहले दो दिग्गजों की बहुजन समाज पार्टी में एंट्री हो सकती है। यह दोनों नेता पूर्व में मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में पूर्व विधायक इमरान मसूद के हाथी की सवारी करने के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे हैं। (Saharanpur News) हालांकि, बसपा सुप्रीमो की ओर से अभी पूरी तरह से हरा सिग्नल नहीं दिया गया है।
आपको बता दें कि इन दिनों सियासी सरगर्मियां बढ़ गई लगती हैं। हाल ही में उपचुनाव हुए और अब निकाय चुनाव सिर पर है। ऐसे में सभी दलों के नेताओं की कसरत तेज हो गई है। खासकर नगर निगम के मेयर और पालिकाओं तथा पंचायतों में चेयरमैन की कुर्सी के लिए सभी दलों में दावेदारों की लंबी-लंबी फेहरिस्त बन चुकी है। इसी के साथ पाला बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कुछ छुटभैया नेता इधर से उधर भी
हो चुके हैं। लेकिन, सहारनपुर की सियासत में दो दशक से ज्यादा वक्त से अपनी पकड़ और पहचान बनाने वाले दो दिग्गजों को भी कुछ-कुछ होने लगा है।
बता दें कि ये दो दिग्गज कई-कई बार के एमएलए ही नहीं सूबे की सरकारों में मंत्री भी रहे हैं। दिलचस्प ये है कि दोनों दिग्गज हाथी की पहले ही सवारी कर चुके हैं। अब इनका बसपा में आना तय माना जा रहा है। दरअसल, पिछले दिनों जब पूर्व विधायक इमरान मसूद ने लखनऊ जाकर बसपा ज्वाइन की और मायावती का आशीर्वाद लिया तो वेस्ट यूपी खासकर सहारनपुर के सियासी गलियारों में तूफान उठ गया। मुस्लिम-दलित समीकरण साधने के अलावा अन्य बिरादरी को भी बसपा पुनः अपने पाले में करना चाहती है। जैसा कि मायावती ने इमरान की ज्वाइनिंग के वक्त कहा था कि अब पार्टी के पुराने लोगों को फिर से जोड़ा जाएगा। उनके इस कथन की संजीदगी समझनी होगी। बसपा के सहोदर संगठन इस दिशा में काम तेज कर चुके हैं। कि होता क्या है।
सहारनपुर के दो पूर्व मंत्रियों की इंट्री पर इमरान मसूद भी सहमत हो गए हैं। क्योंकि उनके बसपा में शामिल होने से पार्टी को निकाय चुनाव में मजबूती मिलेगी। सूत्रों का कहना है। कि मायावती भी लगभग राजी हो गई हैं। लेकिन, पत्ते अभी नहीं खोले जा रहे हैं। सटीक जानकारी यह भी है कि मेयर सीट पर इन्हीं दो पूर्व मंत्रियों को तरजीह दी जा सकती है। मसलन, इनके परिवार की किसी महिला को मेयर पद के लिए बसपा मैदान में उतार सकती है। अगर भाजपा ने मेयर पद के लिए वैश्य बिरादरी पर दांव लगाया तो इस बिरादरी से बसपा भी अपना कंडीटेट उतार सकती है। दूसरे नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में मजबूती के लिए बसपा अगर अपने पुराने झंडाबरदार को वापस बुलाती है तो उसके लिए काफी मुफीद हो सकता है। हालांकि, अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन, इस दिशा में बसपा के कारकुन कई कदम आगे बढ़ चुके हैं। बाकी वक्त बताएगा।
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