नई दिल्ली: दुनिया भर में 07 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस यानी वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाया जा रहा है। इस दिन को खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य ये भी है कि सभी व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके। इस दिन लोगों को बताया जाता है कि आपके शरीर के उचित विकास और निरोग रखने के लिए क्या-क्या खाएं। हर साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के लिए एक अलग थीम रखा जाता है और उसी के हिसाब से कार्यकर्म तय किए जाते हैं। साल 2021 के फूड सेफ्टी डे का थीम है ”स्वस्थ कल के लिए आज का सुरक्षित भोजन”।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “खाद्य सुरक्षा सरकारों, उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच एक साझा जिम्मेदारी है। हम जो भोजन खाते हैं वह सुरक्षित और स्वस्थ है, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उन सभी लोगों की है, जो खेत से लेकर आपके डायनिंग टेबल तक खाने पहुंचाने में हिस्सा लेते हैं।”
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की आवश्यकता पर 2016 से संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के कई सत्रों में चर्चा की गई। 20 दिसंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की घोषणा की गई। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के माध्यम से, डब्ल्यूएचओ सार्वजनिक एजेंडे में खाद्य सुरक्षा को मुख्यधारा में लाने और विश्व स्तर पर खाद्य जनित बीमारियों को कम करने के लिए काम करता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, “खाद्य सुरक्षा हर किसी के लिए जरूरी है।” कोरोना महामारी काल में ये दिन और इसका महत्व और भी अहम हो जाता है। कोरोना काल में खाने का कितना ध्यान रखना जरूरी है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कोरोनो वायरस (कोविड -19) महामारी को लेकर कई रिपोर्ट में दावा किया है कि ये चीन के वुहान के एक ‘वेट मार्केट’ से फैला है।
कोरोना काल में एक्सपर्ट ने बाहर का खाना ना खाने और फास्ट फूड के सेवन ना करने की सलाह दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आज के वक्त में लोग अपने आय का 45 प्रतिशत हिस्सा होटल और रेस्टोरेंट के भोजन पर खर्च कर देते हैं। जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए ये हम सब की जम्मेदारी बनती है कि कोरोना काल में बाहर के खाने को नजरअंदाज किया जाए।
कोरोना काल में अन-हेल्दी खाना जैसे फास्ट फूड, जंक फूड को ना खाएं, क्योंकि इससे आपकी इम्युनिटी पावर बढ़ने में कोई मदद नहीं मिलती है। इसके अलावा आपको ये भी ध्यान रखना है कि आप जो भी खाएं वह साफ और सुरक्षित हो। इसलिए इस वक्त घर पर बना खाना खाने की सलाह दी जा रही है। जिसमें फलों, सब्जियों, दूध-जूस इत्यादि का सेवन करने के लिए कहा जाता है। फास्ट फूड, जंक फूड से पाचन और हृदय प्रणाली पर प्रभावित होता है, ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। इसके अलावा टाइप -2 डायबिटीज और वजन बढऩे की संभावना बनती है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर, हालांकि ये सभी को जान लेना जरूरी है कि वर्तमान में ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह बताता है कि कोविड-19 का ट्रांसमिशन भोजन से जुड़ा है। लेकिन फिर भी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का सुझाव है कि उचित खाद्य सुरक्षा शिष्टाचार का पालन हमेशा किया जाना चाहिए। जिसमें सामान्य तौर पर खाना बनाने या खाने से पहले 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना शामिल है। इसके अलावा खाने के भंडारण या पैकेजिंग के दौरान खाद्य उत्पादों के दूषित होने की संभावना की जांच जरूरी है। एक्सपर्ट का कहना है कि महामारी ने भोजन के उत्पादन, परिवहन और विपणन के तरीकों को भी प्रभावित किया।