जेनेवा: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानि डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कोरोना वायरस को लेकर कहा कि वो चीन को और ज्यादा जानकारी देने के मजबूर नहीं कर सकते हैं। जबकि पिछले एक महीने में चीन के खिलाफ इतने सबूत मिले हैं, जिससे कोई भी अपनी आंखे नहीं चुरा सकता है। दो दिन पहले ही ऑस्ट्रेलियन अखबार ने सबूतों के साथ खुलासा किया है कि डब्ल्यूएचओ ने जब तक कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित भी नहीं किया था, तभी चीन की मिलिट्री ने कोरोना वायरस वैक्सीन का पेटेंट हासिल करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी थी, लिहाजा डब्ल्यूएचओ पर कई सवाल उठने शुरू हो गये हैं। सोमवार को डब्ल्यूएचओ के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ किसी भी तरह से चीन को कोरोना वायरस पर और ज्यादा जानकारी देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। अलजजीरा के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के डायरेक्टर माइक रयान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ‘डब्ल्यूएचओ के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वो किसी को भी इस बाबत और जानकारियां देने के लिए मजबूर कर सके।’ हालांकि, माइक रयान ने आगे ये भी कहा कि ‘हम इस बात की उम्मीद करते हैं कि डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश हमें पूरी मदद देंगे। हम अपने सदस्य देशों से पूरी सहयोग की उम्मीद रखते हैं कि वो हमें और जानकारी उपलब्ध कराएंगे’
डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर माइक रयान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ‘कोरोना वायरस का नेक्स्ट लेवल कहां से आया है, इसकी भी स्टडी करना बेहद जरूरी है’। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, माइक रयान ने कहा कि ‘हमें इस बात की स्टडी करनी पड़ेगी कि आखिर कोरोना वायरस कहां से आया है। कोरोना को लेकर कई थ्योरी हैं कि ये वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैला है, किसी जानवर से इंसानों में फैला है, या फिर चीन की प्रयोगशाला में वायरस का जन्म हुआ है, हमें इसके लिए स्टडी करने की जरूरत है।’ आपको बता दें कि चीन के वुहान लैब से ही कोरोना वायरस निकला है, पिछले एक महीने में विश्व के दर्जनों वैज्ञानिक कह चुके हैं और डब्ल्यूएचओ से निष्पक्ष जांच की मांग कर चुके हैं। अमेरिका ने भी जांच की मांग की है, लेकिन चीन ने किसी भी तरह की जांच में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।
विश्व के कई प्रख्यात वैज्ञानिकों ने कहा है कि जिस तरह से कोरोना वायरस लगातार खुद को म्यूटेट कर रहा है, वो काफी संदिग्ध है। वुहान लैब थ्योरी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘ऐसा लग रहा है कि वुहान लैब से किसी गलती की वजह से या जान-बूझकर ही कोरोना वायरस बाहर आया है और फिर इंसानों में फैलना शुरू हुआ है।’ हालांकि, चीन इस बात से इनकार कर चुका है कि कोरोना वायरस प्रयोगशाला में बनाया गया वायरस है। वहीं, डब्ल्यूएचओ टीम के जो सदस्य इस साल चीन के वुहान शहर जांच करने के लिए गये थे, उन्होंने कहा था कि उन्हें जांच के दौरान कई तरह की जानकारियां उपलब्ध नहीं करवाई गई। अलजजीरा के मुताबिक चीन की तरफ से वैज्ञानिकों को ये भी नहीं बताया गया कि शुरूआत में कौन-कौन बीमार पड़ा था, इसके साथ ही चीन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे थे।