तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी प्रक्रिया पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को फटकार लगाई है। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (14 मई) को केंद्र सरकार से पूछा है कि ”केरल को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन कब मिलेगी? आप केरल को आखिर वैक्सीन कब तक देने वाले हैं, अगर आपने देरी की तो कोरोना वायरस का तब तक नया म्यूटेंट आ जाएगा और लोग मरने लगेंगे।’ केरल हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार (21 मई) को करेगा। केरल हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में राज्य को वैक्सीन देने पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
केरल हाईकोर्ट के जस्टिस राजा विजयराघवन वी और एमआर अनीता की खंडपीठ ने कहा, ”हमें वैक्सीन कब मिलने जा रहे हैं? …आप (केंद्र सरकार) हर बात में देरी कर रहे हैं, ऐसे ही चलता रहा है तो कुछ वक्त के बाद कोरोना का नया म्यूटेंट फैलेगा और लोग मरेंगे, हमने आपको केरल राज्य में टीकों का विवरण देने के लिए कहा है?”
राज्य की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए, हाईकोर्ट ने अभी तक वैक्सीन की खुराक पाने वाले व्यक्तियों की संख्या पर चिंता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने केंद्र को कहा, “एक समय सीमा दें जिसके भीतर केरल को वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी? आप हमें एक टाइम फ्रेम दीजिए ताकि हमें भरोसा हो।
हाईकोर्ट ने केंद्र के वकील से कहा, केरल में स्थिति बहुत गंभीर है और अगर इसी मौजूदा रफ्तार से लोगों को वैक्सीनेट किया गया तो केरल में सभी लोगों को वैक्सीन लगने में कम से कम 2 साल लग जाएंगे।
राज्य की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के मुताबिक केरल में अब तक कोरोना वैक्सीन की 19,51,126 लोगों को दोनों डोज मिल चुकी हैं। वहीं 62,72,095 लोगों को सिर्फ एक ही डोज मिल पाई हैं। केरल में अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना हो चुका हैं। गुरुवार (13 मई) को केरल में 39,955 नए मामले सामने आए थे। केरल में 27 फीसदी संक्रमण दर है।