नई दिल्ली: कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के बाद अब कप्पा वैरिएंट ने भारत में दस्तक दी है। यूपी के गोरखपुर में इसका एक मामला सामने आया है। कप्पा वैरिएंट को डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की श्रेणी में रखा है। यह SARS-CoV-2 वैरिएंट है। हालांकि इसे एक्सपर्ट डेल्टा वैरिएंट जितना खतरनाक नहीं मानते हैं। हालांकि हमारी इम्यून सिस्टम पर इस वैरिएंट का असर तो पड़ता है। डब्लूएचओ ने इसे लैम्ब्डा वेरिएंट (Lambda variant) की तरह चिंताजनक नहीं माना है।
लक्षण…
कप्पा वैरिएंट से पीड़ित लोगों में खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके साथ ही माइल्ड और गंभीर कोरोना वायरस जैसे लक्षण की तरह होंगे।
वैरिएंट का नामकरण कैसे किया जाता है?
कुछ समय पहले ही डब्लूएचओ यानी विश्व स्वास्थय संगठन ने ये ऐलान किया था कि अब से कोविड-19 के नए स्ट्रेन का नाम ग्रीक अल्फाबेटिकल लेबल्स के नाम से जाने जाएंगें। इसी दौरान ये निर्णय लिया गया भारतीय मूल वैरिएंट का नाम डेल्टा और कप्पा रखा जाएगा। इसके आधार पर ब्रिटेन के स्ट्रेन का नाम अल्फा रखा गया।
बचाव
कोरोना वायरस के इस नए कप्पा वैरिएंट से बचाव के लिए मास्क सबसे जरुरी हथियार इसके साथ इन बातों का भी ध्या रखें।
– घर से बाहर निकलते वक्त डबल मास्किंग करें।
– समय-समय पर हाथ सैनिटाइज करते रहें।
– बेवजह घर से न निकलें
– सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
– बाहर से आने पर हाथों को करीब 20 सेकेंड तक अच्छे से धोएं।
– बाहर से लाए हुए सामान को डिसइंफेक्ट करें।
– कोरोना के लक्षण नजर आते ही खुद को क्वारंटाइन जरुर करें।