नई दिल्ली: एलियंस और उड़नतश्तरियों पर नजर रखने के लिए जापान ने विश्व का अत्याधुनिक प्रयोगशाला तैयार कर रहा है। जापान सरकार ने यूएफओ प्रयोगशाला बनाने का फैसला तब लिया है, जब पिछले साल जापान डिफेंस फोर्स ने एलियंस से संभावित खतरे की आशंका जताते हुए जापान में कई उड़नतश्तरियां देखे जाने की रिपोर्ट जापान सरकार को सौंपी थी। जिसके बाद जापान सरकार ने फुकुशिमा परमाणु आपदा स्थल के पास अलौकिक शक्तियों पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण कर रहा है। जापानी समाचार आउटलेट द मेनिची के मुताबिक, जिस दिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालयन ने एलियंस और यूएफओ को लेकर अपनी रिपोर्ट अमेरिकी संसद में सार्वजनिक की थी, उसी दिन, यानि 24 जून को जापान में अंतर्राष्ट्रीय यूएफओ प्रयोगशाला खोला गया है। इस लैब के जरिए जापान सरकार की कोशिश है कि वो ‘यूनिवर्ष की अज्ञात पहेलियों के बारे में रहस्य उजागर कर सके’। इस लैब का डायरेक्टर न्यू ऑकल्ट पत्रिका के प्रधान संपादक 51 साल के ताकेहारू मिकामी को बनाया गया है। मिकामी के हवाले से जापानी न्यूज आउटलेट ने कहा है कि, “अब तक भले ही यूएफओ की खोज की गई हो, लेकिन जानकारी केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही साझा की जाती रही है।” उन्होंने कहा कि ”मुझे आशा है कि अनुसंधान प्रयोगशाला सूचना प्राप्त करने वाले आधार के तौर पर काम करेगी और नई खोजों की तरफ कदम आगे बढ़ाएगी और मैं उनकी पहचान की तह तक जाना चाहता हूं।”
यूफओ पर रिसर्च करने के लिए बनाई गई नई प्रयोगशाला जापान के फुकुशिमा प्रान्त में स्थित है, जो ओकुमा, फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र (फुकुशिमा -1) से कुछ मील की दूरी पर है। इस लैब के जरिए ओकुमा जिले में पिछले कुछ सालों में देखे गये कई सारे यूएफओ को लेकर जांच करेगी। आपको बता दें कि ओकुमा में इतने यूएफओ देखे गये हैं कि जापान के अंदर इसे ‘यूएफओ का गृहनगर’ तक कहा जाने लगा है। 1970 के दशक में माउंट सेंगनमोरी के पास एक काफी तेज प्रकाश वाले, त्रिशंकु आकार की एक वस्तु आकाश से आती देखी गई थी, जिसके बाद उस घटना को माउंट सेंगनमोरी घटना के रूप में जाना जाने लगा। वहीं, इस प्रयोगशाला के प्रमुख ने कहा है कि वो चाहते हैं इस क्षेत्र में रहने वाले लोग इस प्रयोगशाला की तस्वीरों को साझा करें। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि ”क्वारंटाइन के दौरान आसमान की तरफ देखें और देखें कि क्या आपको कुछ दिखाई दे रहा है। मुझे उम्मीद है कि रिसर्च संस्थान को इससे यूएफओ के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ताकि हम इसकी तह तक जा सकें”
मई 2020 में जापानी रक्षा मंत्रालय ने एलियंस को लेकर एक प्लान पर काम करना शुरू किया है। जिसमें एलियंस और यूएफओ को ट्रैक करने के अलावा ‘उन्हें जवाब देना, उन्हें रिकॉर्ड करना भी’ शामिल था। इसके साथ ही जापानी डिफेंस फोर्स के हवाले से जापान की निप्पन न्यूज ने लिखा है कि ‘जापानी सेना के अधिकारियों को मानना है कि किसी अज्ञात वस्तु से अचानक एनकाउंटर होने पर उनके एफ-15 लड़ाकू पायलट कन्फ्यूज हो सकते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए और वो भ्रम में आ सकते हैं’। दरअसल, अमेरिकी रक्षामंत्रालय ने अमेरिकन नेवी द्वारा रिकॉर्ड किए गये तीन यूएफओ वीडियो को रिलीज किया था, जिसके बाद जापान की सरकार ने भी अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाने का फैसला लिया है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने 144 अलग अलग मामलों का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया है, जिनमें आकाश में होने वाली दर्जनों अज्ञात घटनाएं शामिल हैं। इस जांच में अमेरिकी जांचकर्ता किसी आखिरी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए। अमेरिकी जांचकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि आकाश में होने वाली घटनाएं संभवत: टेक्नोलॉजी का बेहद एडवांस नमूना हो सकता है या फिर अमेरिका के खिलाफ रूस या चीन द्वारा की गई कोई साजिश होग सकती है। अमेरिकी रक्षामंत्रालय की तरफ से इस रिपोर्ट के एक हिस्से में कहा गया है कि यूएस नेवी ने सैन्य अभ्यास के दौरान जो यूएपी देखा, हम हाई टेक्नोलॉजी के साथ उसकी पहचान करने में सक्षम हुए हैं। खास बात ये है कि पेंटागन ने इसे यूएपी कहा है, ना किए यूएफओ। गोपनीय रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा है कि यूएस नेवी ने जो समुद्र के अंदर यूएपी देखा था वो एक बहुत बड़ा हाई टेक्नोलॉजी से लैस गुब्बारा हो सकता है।