नई दिल्ली: केरल में जीका वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में अभी तक जीका वायरस के कुल 15 मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी इस आंकड़े की पुष्टि की गई है। नंथनकोड़ के 40 साल के व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अलप्पुजा में भेजा गया था, जोकि पॉजिटिव पाया गया है। इसके अलावा तमिलनाडु और कर्नाटक में भी संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है, दोनों ही प्रदेशों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बता दें कि जीका वायरस मुख्य रूप से मच्छर के काटने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
तमिलनाडु के कोयंबटूर के प्रशासन की ओर से तमिलनाडु-केरल सीमा पर वाहनों की जांच को तेज कर दिया गया है, जहां पहले ही बिना ई पास के लोगों को आने की अनुमति नहीं है। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह वायरस को रोकने के लिए दक्षिण कन्नड, उडुपि में सतर्कता को और बढ़ा दिया जाए। केर में जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह फैसला लिया गया है। दरअसल मौजूदा मौसम में एडीस मच्छरों की तादात बढ़ जाती है, जिसकी वजह से जीका वायरस की बीमारी बढ़ जाती है।
केरल में लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगातार तेजी के साथ लगाई जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने बताया कि हमारी नीति है कि लोगों को बीमार होने से बचाया जाए। हम अधिक से अधिक लोगों को कोरोना की वैक्सीन देने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कि लोगों की जान को बचाया जा सके। प्रदेश में अभी तक 43 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है जबकि 16.49 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है।