कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद अब भाजपा के सामने बड़ी चुनौती यह है कि वह कैसे अपनी जीते हुए विधायकों को टूटने से बचाए। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का दल सुवेंदु अधिकारी के साथ प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने के लिए पहुंचा। लेकिन इस मुलाकात में कई भाजपा विधायक नदारद नजर आए। जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि ये विधायक पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। हालांकि सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि मैंने सभी विधायकों को फोन किया है, जिसमे से 30 विधायकों को आना था लेकिन आज हमारे साथ 50 विधायक आए हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा को 74 सीट पर जीत मिली थी, जिसमे से 24 विधायक सुवेंदु अधिकारी के साथ राज्यपाल से मुलाकात के दौरान नहीं पहुंचे। ऐसे में अटकलें शुरू हो गई हैं कि भाजपा के विधायक टीएमसी के खेमे में जा सकते हैं।
दरअसल भाजपा की ओर से सुवेंदु अधिकारी को विधानसभा में नेता विपक्ष चुना गया है लेकिन सुवेंदु अधिकारी को पार्टी के कई विधायक अपना नेता स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि यह विधायक भाजपा से अलग हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार कई विधायक पार्टी में खुश नहीं हैं और वह टीएमसी के संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के कई विधायक टीएमसी में जा सकते हैं। पिछले हफ्ते टीएमसी के पूर्व नेता जो चुनाव पूर्व भाजपा में आए थे उन्होंने एक बार फिर से घर वापसी करते हुए ममता बनर्जी का साथ पकड़ लिया है। मुकुल राय ने कृष्णा नगर उत्तर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। मुकुल रॉय के बाद पार्टी के कई विधायक भाजपा छोड़ टीएमसी में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं ममता बनर्जी ने भी कहा था कि जिन लोगों ने मुकुल रॉय के साथ टीएमसी को छोड़ा और वह वापस पार्टी में आना चाहते हैं उनकी पार्टी इसपर विचार करेगी। टीएमसी का दावा है कि उनके संपर्क में 30 विधायक हैं। अहम बात यह है कि सोनाली गुहा, दीपेंदु बिस्वास ने खुलकर कहा था कि वह टीएमसी में वापसी करना चाहते हैं, यही नहीं इन लोगों ने ममता बनर्जी से माफी भी मांगी थी।