नई दिल्ली: देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे के बीच टीकाकरण अभियान की रफ्तार में कमी देखी जा रही है। इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि देश में 21 जून से टीकाकरण अभियान की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने अपने हाथों में ले ली थी। 21 जून के बाद से अगले एक हफ्ते तक देश में प्रतिदिन 61.1 लाख वैक्सीन की डोज रोजाना लगाई जा रही थी, लेकिन 27 जून के बाद से इस आंकड़े में गिरावट आ रही है आंकड़ों के मुताबिक, 28 जून से 4 जुलाई तक प्रतिदिन लगने वाली वैक्सीन की डोज का आंकड़ा 42 लाख प्रतिदिन हो गया और अब 5 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक ये आंकड़ा 37.2 लाख प्रतिदिन डोज तक गिर गया है। ये जानकारी Cowin ऐप के द्वारा मिली है। कोरोना वैक्सीनेशन के डेली आंकड़ों में आ रही गिरावट कहीं ना कहीं सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात है, क्योंकि सरकार ने जुलाई के महीने में रोजाना वैक्सीनेशन का लक्ष्य 40 से 45 लाख प्रतिदिन रखा है। जुलाई में सरकार ने वैक्सीन की 12 करोड़ डोज की सप्लाई की बात कही है।
खबर के मुताबिक, टीकाकरण की रफ्तार में आ रही गिरावट वैक्सीन की सप्लाई में कमी की वजह से है। बताया जा रहा है बेंगलुरु स्थित भारत बायोटेक के प्लांट में कुछ तकनीकी खामियों की वजह से वैक्सीन की सप्लाई में कमी आ रही है, जिसकी वजह से टीकाकरण में गिरावट हो रही है। आपको बता दें कि टीकाकरण की रफ्तार में कमी सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और बिहार के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिली है। ग्रामीण इलाकों में 25 से 30 जून के बीच रोजाना वैक्सीन की 9.9 लाख डोज लग रही थीं, लेकिन 1 से 9 जुलाई के बीच यह आंकड़ा 8 लाख डोज के करीब आ गया। वहीं शहरी इलाकों में 25 से 30 जून के बीच प्रतिदिन 8 से 31.8 लाख डोज लगाई गईं, लेकिन 1 जुलाई से 9 जुलाई के बीच ये आंकड़ा घटकर 7.6 लाख डोज ही रह गया।