नई दिल्ली: देशभर में अब कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार सुस्त पड़ती हुई नजर आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को 75 दिन बाद देश में कोरोना वायरस के सबसे कम 60,471 मामले मिले हैं। इस बीच राजधानी दिल्ली के लिए एक बड़ी खबर है। दरअसल, मंगलवार यानी आज से दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में कोरोना वायरस के खिलाफ रूस में निर्मित ‘स्पुतनिक वी’ वैक्सीन मिलनी शुरू हो सकती है। एक दिन में कितने लोगों को यह वैक्सीन दी जाएगी, यह अस्पताल को मिलने वाली स्पुतनिक वी की खेप पर निर्भर करेगा।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने स्पुतनिक वी वैक्सीन की एक डोज की कीमत 1145 रुपए निर्धारित की है। अपोलो हॉस्पिटल के अलावा, दिल्ली में मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल भी इस हफ्ते के आखिर तक लोगों को स्पुतनिक वी का टीका लगाना शुरू कर देगा। अपोलो हॉस्पिटल और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने प्रायोगिक आधार पर स्पुतनिक वी वैक्सीन लगाने का पहला चरण 17 मई को पहले हैदराबाद में और इसके अगले दिन विशाखापट्टनम में शुरू किया था। वहीं, स्पुतनिक वी वैक्सीन हैदराबाद के कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल में भी उपलब्ध है। स्पुतनिक वी वैक्सीन को रूस के गैमेलिया इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है।
एएनआई की खबर के मुताबिक, शुरुआती तौर पर रविवार को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज के कर्मचारियों को स्पुतनिक वी का टीका लगाया गया। अस्पताल में स्पुतनिक वी की 1000 डोज पहुंची थी, जिनमें से 179 डोज डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के कर्मचारियों को दी गई। गौरतलब है कि डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन के रोलआउट के लिए रूस के आरडीआईएफ के साथ समझौता किया है। दुनिया के अलग-अलग देशों में स्पुतनिक वी वैक्सीन के वितरण की जिम्मेदारी आरडीआईएफ के पास ही है।