उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद के नानौता विकास खंड के गाँव महेशपुर में पिछले 15 दिन में करीब 16 मौत हो चुकी हैं। ग्राम पंचायत चुनाव की मतगणना के अगले दिन गाँव में पहली मौत हुई। जिसके बाद प्रतिदिन मौतों का सिलसिला जारी है। जिससे गाँव में दहशत का माहौल है हालाँकि पिछले दो दिनों से गाँव में किसी व्यक्ति के मरने की सूचना नहीं है। गाँव में अधिकांश मौतें बुखार के कारण हुई है। कई व्यक्तियों की मौत सांस लेने में दिक्कत भी रही। जबकि गाँव में एक व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है।
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महेशपुर के नव निर्वाचित प्रधान कमल सिंह का कहना है कि ग्राम पंचायत चुनाव के बाद से ही गाँव में बुखार, टाइफाईड़ और कोरोना संक्रमण से लोग पीड़ित हुए। पहले से बीमार लोगों को समय पर इलाज न मिलने से गाँव में मरने वालों की संख्या बढी। बुखार, खासी, सांस लेने में दिक्कत ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हुई है।
राजबीर सिंह (50) की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई। ग्रामीण साहब सिंह और विकास कुमार ने बताया कि गाँव में पहली मौत बुखार आने के कारण हुई। इसके बाद से गाँव में संजय (32) किरनपाल (52) तेजपाल (65) (सुमन 46) रेखा (40) उर्मिला (45) लच्छु (60) राजकुमार (45) विक्रम भगत (50) फूलवती (55) शिक्षा (50) माया (60) को बुखार के चलता सांस लेने में दिक्कत और अन्य बीमारियों के कारण करीब 16 मौत हुई है। जबकि राजबीर सिंह की किसी अस्पताल में आॅक्सीजन की कमी के चलते मौत हुई है।
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान कमल सिंह, पूर्व प्रधान पप्पू उर्फ उर्फ श्याम सिंह, नकली सिंह, मदन सिंह आदि ने बताया कि यहाँ इतनी बड़ी संख्या में मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गाँव तक नहीं पहुंची और मरने के सैम्पल भी जांच के लिए नही जा पाये। ऐसे में ग्रामीणों की मौत का कारण भी नही पता चल पाया। ग्रामीणों ने गाँव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर बुखार से पीड़ित मरीजों की जांच कराये जाने की माँग की है।
करीब पांच हजार की आबादी के इस गाँव में केवल उप स्वास्थ्य केन्द्र बना हुआ है जिसका बुरा हाल है नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान कमलसिंह ने उसकी साफ सफाई कराई जिसमें उपले भरे हुए थे और चारों और बड़ी बड़ी घास खड़ी हुई थी। और पिछले कई वर्षों से ताला लगा हुआ है। कमल सिंह बताते है कि उन्होंने गाँव कोरोना माहमारी बचाव के लिए पूरे गाँव को सैनेटराइज कराया है और गाँव में एक हवन यज्ञ कराकर पूरी गाँव की गलियों में उस हवन कुड़ की धूनी रमाई है।
उधर स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ ड़ा विक्रम सिंह पुन्ड़ीर का कहना है अगर वास्तव में ऐसा मामला है तो गाँव में टीम भेजकर जांच कराई जायेगी।
महेशपुर गाँव में तीन दिन पहले तो लगातार एक ही साथ तीन मौते हुई जिसमें राजबीर सिंह व सुमन और रेखा ने बुखार के चलते दम तोड़ा। ग्रामीणों का कहना कि एक की अन्तेष्टी करके जैसे ही लौटे तो पता चला कि दूसरी मौत हो गई फिर उस शव को लेकर शमशान पहुचना पड़ा अन्तेष्टी के लिए। एक ही दिन में लगातार हुई तीन मौतों ने पूरे गाँव को बचपन हिलाकर रख दिया