लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कमद उठाया है। योगी सरकार ऐसे लोगों को तीन महीने तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है। दरअसल, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने शनिवार शाम को अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल बैठक की। बैठक में सीएम ने कहा कि तीन माह के लिए प्रति यूनिट 03 किलो गेहूं तथा 02 किलो चावल निःशुल्क उपलब्ध कराने का एक अहम फैसला लिया। इसके साथ ही सीएम ने रोजाना कार्य करके अपनी आजीविका चलाने वाले गरीबों को भरण-पोषण भत्ता प्रदान करने का फैसला लिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को सम्पन्न हुई वर्चुअल कैबिनेट बैठक में कोरोना के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों में गरीबों व जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए अत्यंत संवेदनशील निर्णय लिया है। निर्णय के मुताबिक, अब अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी श्रेणी के राशनकार्ड धारकों को 03 माह तक प्रति यूनिट 03 किलो गेहूं तथा 02 किलो चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले से प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोगों को आसानी से लाभ मिल सकेगा।
सीएम योगी ने बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु 02 योजनाएं संचालित करने का निर्णय लिया है। इन योजनाओं के अंतर्गत दुर्भाग्यवश दुर्घटना में किसी श्रमिक की मृत्यु अथवा दिव्यांगता हो जाने पर ₹02 लाख का सुरक्षा बीमा कवर तथा ₹05 लाख तक के स्वास्थ्य बीमा कवर की व्यवस्था की गई है।
बैठक के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अपने प्रदेशवासियों के ‘जीवन व जीविका’ की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। कहा कि सरकार शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई जैसे परंपरागत कामगारों को लाभ देने के उद्देश्य से 1 माह के लिए 1000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता प्रदान करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच इस भत्ते से यूपी के 1 करोड़ गरीबों को सीधे लाभ मिलेगा।