बेंगलुरु: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ी है। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कई मरीजों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन की शिकायत आ रही है। बेंगलुरु में भी पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन की वजह से पिछले 10 दिनों में अस्पताल में भर्ती हुए कई मरीजों की मौत हो गई है। आंकड़ों से पता चला है कि बेंगलुरु में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों का एक अहम अनुपात अस्पताल में भर्ती होने के लगभग 10 दिन बाद हुआ है। कोविड-19 मामलों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 28 मई से 3 जून के बीच 1,855 कोरोना से संबंधित मौतों में से 734 मौतें यानी 40 प्रतिशत मौतें अस्पताल में भर्ती होने या मरीजों के घरों में 10 या उससे अधिक दिनों के बाद हुई है।
डॉक्टरों के अनुसार पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन में मरीजों को सुस्ती, बुखार, शरीर और जोड़ों में दर्द, लॉन्ग कोविड थकान, सिरदर्द, गंध की कमी, चक्कर आना, सीने में दर्द, , अवसाद जैसे लक्षण होते हैं। कोविड-19 रोगियों को ठीक होने के 12 सप्ताह तक पोस्ट कोविड के ये लक्षण अनुभव हो सकते हैं। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यह महामारी की पहली लहर के ठीक विपरीत है, जब अधिकांश मौतें लगभग 60 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती होने के एक से 3 दिनों के भीतर हुई थीं। कर्नाटक में कोरोना की दूसरी लहर में पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जब मरीजों को इलाज के 10 दिन ठीक होना चाहिए था तो उनकी मौत हो गई है।
बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में आपातकालीन इकाई के डॉ शिव कुमार ने कहा, कई मौतें कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के कारण होती हैं। जो लोग संक्रमित हैं और ठीक होने के वक्त उनकी मौत हो जा रही है। अगर आप मौते के मामलों में उचित पूर्वव्यापी अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि बहुत से लोग जिनको कोरोना हुआ था, उनका इलाज किया गया था, वे घर गए और फिर से उनकी तबीयत बिगड़ी, उन्हें समस्याएं हुईं और वापस अस्पताल में एडमिट किया गया, आईसीयू में भर्ती कराया गया। और उनमें से भी कई मरीजों की मौत हो जा रही है। डॉ. शिव कुमार के अनुसार, डिस्चार्ज किए गए लगभग 10 प्रतिशत रोगियों में किसी न किसी प्रकार की पोस्ट-कोविड जटिलता देखी गई है। लगभग 5 प्रतिशत आईसीयू में वापस आते हैं और लगभग 1-2 प्रतिशत मर जाते हैं।