नई दिल्ली: भारत सरकार विदेशी वैक्सीनों को लाने की दिशा में बहुत तेजी से काम कर रही है। अभी तक रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भारत लाया जा सका है। इसके अलावा फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत लाने पर काम चल रहा है। आपको बता दें कि मॉडर्ना और फाइजर ने भारत में वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले इसके उपयोग से जुड़े किसी भी दावों पर कानूनी सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी। अब खबर है कि भारत सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों की शर्त को मान सकती है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, भारत सरकार मॉडर्ना और फाइजर वैक्सीन को बनाने वाली कंपनियों को हर्जाना देने के पक्ष में हो सकती है। बताया जा रहा है कि जुलाई 2021 में मॉडर्ना और फाइजर का टीका भारत को मिल सकता है।
वहीं हर्जाने के विषय पर सरकार के एक सूत्र ने बताया कि सरकार संभवत: अन्य देशों में जारी नियमों और प्रचलनों को देखेगी जिनका क्षतिपूर्ति कवरेज में पालन किया जा रहा है। सूत्र ने कहा, ‘भारत निर्माताओं को क्यों रोकना चाहेगा? अगर क्षतिपूर्ति ही एकमात्र बाधा है, तो सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जाने वाली प्रथाओं के आधार पर देखेगी।’
सरकार के सूत्रों ने कहा है कि फाइजर ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वह जुलाई 2021 तक कुछ खुराक उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। सरकार के एक सूत्र ने क्षतिपूर्ति खंड पर कहा है कि सरकार शायद उन नियमों और प्रथाओं को देखेगी जो पहले से ही लागू किए गए हैं। क्षतिपूर्ति कवरेज प्रदान करने पर अन्य देशों में इसका अनुसरण किया जाता है। सूत्र ने कहा, “भारत निर्माताओं को क्यों रोकना चाहेगा? अगर क्षतिपूर्ति ही एकमात्र बाधा है, तो सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जाने वाली प्रथाओं के आधार पर देखेगी।”
फाइजर इंडिया ने बताया है कि जुलाई से 1 करोड़ की किश्तों में टीके देने की शुरुआत हम कर देंगे। कंपनी ने कहा कि अभी हमारी भारत सरकार के साथ चर्चा चल रही है, इसलिए और कुछ अधिक कह पाना जल्दबाजी होगी। कंपनी ने बताया कि 3 मई तक हमने दुनिया भर में फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन की 430 मिलियन से अधिक खुराक भेज दी है और हमारी शिपमेंट सटीकता 99.9 प्रतिशत है। कंपनी ने कहा कि हम 2021 में वैक्सीन की मात्रा 2.5 अरब से अधिक करने के लिए विनिर्माण क्षमता बढ़ाना जारी रखेंगे।