नई दिल्ली: कोरोना की घातक दूसरी लहर के बीच गंगा नदी में सैकड़ों शव तैरते मिले हैं। अब इस पूरे मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में तैरते पाए गए शवों के बारे में शिकायत का संज्ञान लिया है। वहीं केंद्र सरकार के साथ यूपी और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और सचिव, केंद्रीय जल मंत्रालय को चार हफ्ते के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट देने के लिए कहा है। आयोग ने नोटिस में कहा कि अधिकारियों को जनता को शिक्षित करने और गंगा नदी में आधे जले हुए विसर्जन की जांच में विफल पाया गया है।
अपने नोटिस में एनएचसीआर ने कहा कि हमारी पवित्र नदी गंगा में शवों को बहाने की प्रथा जल मिशन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प विभाग के स्वच्छ गंगा परियोजना के राष्ट्रीय मिशन के दिशानिर्देशों का उल्लंघनहै। नोटिस एक शिकायत के आधार पर जारी किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि बरामद शव कोविड -19 से संक्रमित हो सकते हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में 11 मई को यह शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत में कहा गया है कि ऐसे शवों को इस तरह बहाना उन सभी व्यक्तियों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, जो अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए पवित्र नदी पर निर्भर हैं।।
इसके अलावा शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि अगर ये मृत शरीर कोविड पीड़ित नहीं थे तो भी इस तरह की प्रथाएं / घटनाएं समाज के लिए शर्मनाक हैं, क्योंकि ये मृतक व्यक्तियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का कारण भी हैं। शिकायतकर्ता ने लापरवाह सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए आयोग के हस्तक्षेप का अनुरोध किया है, जो ऐसी घटनाओं को रोकने में विफल रहे हैं। हालांकि अधिकारियों को अभी तक पुष्टि नहीं हुई है कि गंगा में तैरते हुए शव कोविड के रोगियों के थे।