नई दिल्ली: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू चुनावी हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और इजरायल में राजनीतिक घमासान बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जनता ने वोट किया है, हालांकि अभी भी उनकी लिकुड पार्टी इजरायल की सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन उन्होंने चुनाव को इस सदी का सबसे बड़ा फ्रॉड बताकर इजरायल की राजनीति में घमासान ला दिया है। कई एक्सपर्ट ने आशंका जताई है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी डोनाल्ड ट्रंप के रास्ते पर चलते हुए देश की सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश कर सकते हैं। वहीं, देश के सिक्योरिटी चीफ पर भी बेंजामिन नेतन्याहू ने निशाना साधा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या बेंजामिन नेतन्याहू देश की संवैधानिक व्यवस्था पर बहुत बड़ा चोट तो नहीं करने वाले हैं ?
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी से बेदखल करने वाली उस गठबंधन को लेकर कहा कि ‘इजरायल की लोकतांत्रित व्यवस्था के साथ सबसे बड़ा फ्रॉड किया गया है और चुनाव में ऐतिहासिक धांधली कर उन्हें हराया गया है।’ इजरायली प्रधानमंत्री का ये बयान उस वक्त आया है जब एक वक्त उनके सहयोगी रहे नफ्ताली बेनेट ने 8 विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर गठबंधन किया है और इजरायल के प्रधानमंत्री बनने के लिए दावा ठोका है। वहीं, बेंजामिन नेतन्याहू के बयान पर नेफ्ताली बेनेट ने कहा कि उन्हें चुनावी हार को स्वीकार करना चाहिए और कहा है कि चुनाव में हार जाने के बाद प्रधानमंत्री को अपने पीछे नफरत की जमीन छोड़कर नहीं जाना चाहिए। नफ्ताली बेनेट ने कहा कि ‘देश की जनता ने नई सरकार बनाने के लिए मतदान किया है और अगर बेंजामिन नेतन्याहू सत्ता में नहीं रहेंगे, फिर भी देश चलता रहेगा।’
बेंजामिन नेतन्याहू ने चुनावी धांधली का आरोप उस वक्त लगाया है, जब इजरायल के चीफ ऑफ सिक्योरिटी स्टाफ ने आशंका जताई है कि पूरे इजरायल में राजनीतिक हिंसा हो सकती है। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ‘हम देश के इतिहास में हुए सबसे बड़े चुनावी फ्रॉड का गवाह बन रहे हैं। मेरे विचार से ये किसी भी देश के लोकतांत्रित इतिहास का सबसे बड़ा चुनावी धांधली है’। दरअसल, बुधवार को येश एटिड पार्टी के नेता येर लेपिड ने संसद में फ्लोर टेस्ट से पहले कहा कि हमने राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन को इस बारे में जानकारी दे दी है कि वह नई सरकार बनाने के लिए अब तैयार हैं और इस सरकार में नेफ्टाली बेनेट प्रधानमंत्री बनेंगे। इजरायल में इसी साल 23 मार्च को फिर से चुनाव हुआ था और पिछले दो साल के दौरान इजरायल में चौथी बार चुनान हुआ है और इस चुनाव में भी किसी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ। हालांकि, बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी को सबसे ज्यादा सीट हासिल हुए हैं।
इजरायल में तमाम विपक्षी पार्टियों के एक साथ आ जाने के बाद कई जगहों पर लोगों का गुस्सा देखा जा रहा है और लोगों का कहना है कि उन्होंने इसलिए वोट नहीं किया है कि तमाम विपक्षी पार्टी एक साथ गठबंधन कर लें। वहीं, देश में विपक्षी नेताओं के घरों के सामने लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। वहीं, बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान दिया है, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि क्या इजरायल की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खुद प्रधानमंत्री ही बंधक बनाने जा रहे हैं। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ‘हम, मेरे दोस्तों, हम और हमारी लिकुड पार्टी, हम देश की सत्ता की तरफ बढ़ने वाली इस खतरनाक गठबंधन वाली सरकार का पूरी शक्ति से विरोध करेंगें और धांधली करने वाली गठबंधन को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करेंगे।’ आगे प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि ‘भगवान ना करे, अगर इजरायल में इन्होंने सरकार बना लिया, तो हम इन्हें सत्ता से बाहर करके दम लेंगे’।
आपको बता दें कि, इजराइल की संसद में कुल 120 सदस्य होते हैं। संसद में नेतन्याहू की पार्टी लिकुड सबसे बड़ी पार्टी है और उनके पास कुल 39 सांसद हैं जबकि दूसरे नंबर येर लेपिड की येश एडिट पार्टी है जिनके पास सिर्फ 17 सांसद हैं। ऐसे में देश में सरकार बनाने के लिए 61 सीटों की जरूरत है। देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे नेफ्टाली बेनेट के पास सिर्फ 7 सीटें हैं बावजूद इसके वह किंग मेकर की भूमिका में हैं। इजराइल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब इस्लामिक पार्टी सत्ताधारी दल के साथ सरकार में शामिल होगी। रा’म पार्टी के नात मंसूर अब्बास ने सरकार बनाने में सहयोग देने का फैसला लिया है। नई सरकार बनाने के लिए जो समझौता हुआ है उसके अनुसार सितंबर 2023 तक बेनेट प्रधानमंत्री रहेंगे और उसके बाद नवंबर 2025 तक लेपिड प्रधानमंत्री बनेंगे।