चंडीगढ़:
उधर, हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन अभी कम हैं। उन्होंने कहा कि, केंद्र से और इंजेक्शन की मांग की गई है। हालांकि, ब्लैक फंगस की दवा की किल्लत कई राज्यों में हैं। अस्पतालों में इस दवा की आपूर्ति कम होने की शिकायतें मिल रही हैं। वहीं, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय औषध विभाग एवं विदेश मंत्रालय के साथ एम्फोटेरिसिन-बी दवा के घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि, इस दवा को वैश्विक उत्पादकों से आपूर्ति हासिल करके घरेलू उपलब्धता को पूरा करने के लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
ब्लैक फंगस मरीजों के लिए कोरोना के मुकाबले ज्यादा पीड़ादायक है। और, हरियाणा की ही बात करें तो ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 1000 पार होने में यहां सिर्फ 27 दिन लगे हैं। जबकि कोरोना के 1000 मरीज 66 दिन में मिले थे। ब्लैक फंगस के 60 मरीजों की जान सिर्फ 6 दिनों में चली गई। औसत हर दिन 10 मरीजों ने दम तोड़ा।
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