नई दिल्ली: इंडियन मेंडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का योग गुरू बाबा रामदेव से चल विवाद के बीच पीएम नरेंद्र मोदी से डॉक्टरों के लिए भयमुक्त काम करने के लिए सर्वोत्तम वातावरण सुनिश्चित करने हेतु व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। आईएमए ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर आईएमए की दलीलों को व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर हल करने की मांग की। इसके सज्ञथ ही मेडिकल प्रोफशनल के लिए बिना किसी डर के काम करने के लिए उचित वातावरण सुनिश्चित करने की मांग की।
बता दें रामदेव कोरोना वायरस के एलोपैथिक उपचार, गंभीर कोविड रोगियों को ऑक्सीजन न देने और कोरोना वैक्सीन को लेकर हमला बोला था जिसके बाद आईएमए बाबा रामदेव पर लगातार हमलावर है। आईएमए का आरोप है कि बाबा रामदेव ने आपत्तिजनक टिप्पणी ने जब देश के चिकित्सक महामारी से लड़ रहा है ऐसे समय में समाज में संदेह को माहौल पैदा कर दिया। इस दौरान कई डॉक्टरों और उनके घरवालों की मौत तक हो गई। आईआईए पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल की लेकर जमकर विरोध कर रहा है आईएमए ने दो दिन पहले दावा किया कि कोरोनिल कोई दवा नहीं है और ना ही दवा जैसी है।
बता दें आईएमए बिहार शाखा ने रविवार को 38 जिलों की 105 इकाइयों को योगगुरु रामदेव के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज करने का निर्देश दिया। वहीं आईएमए दिल्ली ने सरकारी प्रयोगशाला में बाबा रामदेव के पतंजलि द्वारा बनाई गई कोरोनिल की रासायनिक जांच शुरू कर दी है। यह रामदेव के प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में प्रचारित एक आयुर्वेदिक दवा है और श्वसन समस्याओं और बैक्टीरिया या वायरस के कारण होने वाले बुखार के खिलाफ प्रभावी है।