नई दिल्ली: पिछले दो हफ्तों से जो संकेत मिल रहे हैं उससे लगता है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम से गुजर चुकी है या फिर अगले कुछ दिनों में उससे गुजर जाएगी। लेकिन, कई राज्यों से पिछले कुछ दिनों से अच्छे संकेत मिलने के बावजूद 10 राज्य और 15 जिलों की तस्वीर सही नहीं है। उनके आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह जो आंकड़े जारी हुए हैं, उसके हिसाब से गुरुवार को 3,43,144 नए संक्रमण दर्ज हुए हैं और 4,000 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान 3,44,776 लोग रिकवर भी किए हैं।
बीते गुरुवार से एक हफ्ते पहले वाले गुरुवार को कोरोना ने रोजाना संक्रमण का आंकड़ा 4.14 लाख तक छू लिया था। लेकिन, पिछले हफ्ते इसमें लगातार गिरावट नजर आई है। लेकिन, इस लहर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले 30 अप्रैल को पहली बार 4 लाख तक मामला पहुंचने के बाद कुछ दिनों तक रोजाना के केस में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन फिर से अचानक उछाल आने शुरू हो गए थे। लेकिन, नई बात ये है कि सात दिनों के औसत को देखें तो रोजाना के उतार-चढ़ाव से तालमेल बिठाते हुए दूसरी लहर में पहली बार बीते हफ्ते गिरावट की ट्रेंड दिखाई पड़ी। 8 मई को सात दिनों का औसत 3.91 लाख तक पहुंच गया था, लेकिन उसके बाद वह नीचे खिसकना शुरू हो गया। बीते बुधवार को एक हफ्ते का यह औसत गिरकर 3.75 लाख पर आ गया।
कोविड की दूसरी लहर कम होने के सकारात्मक संकेतों को देखें तो पहला, अगर गुरुवार तक के आंकड़े को देखें तो बीते तीन दिनों में पूरे भारत में कुल मिलाकर पॉजिविटी रेट 20 फीसदी से कम हुई है। दूसरा, जिन राज्यों और जिलों में ऐक्टिव केसों में कमी आ रही है, उनकी संख्या बढ़ रही है। मतलब, 22 से 28 अप्रैल के बीच हर हफ्ते पॉजिटविटी रेट घटने वाले जिलों की संख्या 125 थी। जो कि 29 अप्रैल से 5 मई के बीच बढ़कर 182 हो गई और 6 मई से 12 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 338 हो गई। तीसरा, अब देश में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है।
लेकिन, 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसलिए टेंशन दे रहे हैं, क्योंकि वहां पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी पर बरकरार है। यही नहीं सबसे बड़ी चिंता उन 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को लेकर हो रही है, जिनमें अभी भी प्रतिदिन नए संक्रमण के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। इन राज्यों में केरल भी शामिल है, जिसके कोविड मैनेजमेंट को लेकर पिछले दिनों खूब कसीदे पढ़े जा चुके हैं। इस फेहरिस्त में बाकी राज्य हैं- तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी। इन सभी प्रदेशों में इसी महीने विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया पूरी हुई है। इनके अलावा इस लिस्ट में ओडिशा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर जैसे राज्य भी शामिल हैं।
अगर देशभर के उन जिलों की बात करें, जहां पिछले दो हफ्तों में नए इंफेक्शन के मामले बढ़े हैं और वह ट्रेंड लगातार बरकरार है तो वो हैं- चेन्नई, चेंगलपट्टू और कोयंबटूर (तमिलनाडु), एर्नाकुलम, कन्नूर, मल्लापुरम, कोल्लम, पलक्कड़ (सभी केरल), जयपुर (राजस्थान), अहमदनगर (महाराष्ट्र), तुमकुर (कर्नाटक), कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और पूर्वी गोदावरी (आंध्र प्रदेश)। खास बात ये है कि केरल ऐसा राज्य है,जहां के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कही जाती हैं, साक्षरता में भी वह बाकियों से बहुत आगे है, राज्य भी छोटा है, फिर 10 में से 5 जिले वहीं के नजर आ रहे हैं; और कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ही नहीं, उससे पहले भी केरल कभी पूरी तरह से सुकून में नहीं दिखाई पेड़ा है।