वॉशिंगटन: कोरोना वायरस को सबसे पहले चीनी वायरस या वुहान वायरस बताने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अब चीन से 10 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना मांगा है और कहा है कि जो लोग कोरोना वायरस की चीन में उत्पत्ति को लेकर मुझसे सहमत नहीं थे, चाहे वो मेरे दुश्मन भी क्यों ना हों, वो अब मुझसे सहमत होने लगे हैं। कोरोना वायरस को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने अपने विरोधियों को आड़े हाथों लिया है और कहा है कि दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने के पीछे चीन ही है और उन्होंने चीन से हर्जाना मांगा है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल कोरोना वायरस के फैलने के कुछ दिनों बाद ही कोरोना वायरस को चीनी वायरस बताना शुरू कर दिया था। वो अपने हर पब्लिक मीटिंग में और ट्वीट में कोरोना वायरस को वुहान वायरस या चायनीज वायरस बताते थे। जिसको लेकर अमेरिकन मीडिया में उनका काफी आलोचना हुआ था। लेकिन, अब कई ऐसे सबूत सामने आने लगे हैं, जिससे पता चलता है कि चीन ने ही कोरोना वायरस को प्रयोगशाला में बनाया है। वहीं, अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध और व्हाइट हाउस के सलाहकार महामारी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची और चीन के महामारी एक्सपर्ट डॉ. जॉर्ज गाउ, जो चायनीज सेन्टर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर हैं, दोनों में कोरोना वायरस के दुनिया में फैलने के समय लगातार बात हो रही थी। इस खुलासे के बाद पूरी दुनिया में ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ डॉ. फाउची को कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में पता था? वहीं, ईमेल के सार्वजनिक होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ‘डॉ. फाउची के ईमेल से एक बार फिर साबित होता है कि कोरोना वायरस चीनी प्रयोगशाला में निर्मित वायरस है।’ आपको बता दें कि डॉ. एंथनी फाउची को डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस फैलने के कुछ महीनों बाद निकाल दिया था।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि ‘अब हर कोई, यहां तक कि मेरे कथित दुश्मनों ने भी कहना शुरू कर दिया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो कहा था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान प्रयोगशाला से आया है, वो सही कहते थे। डॉ. फाउची और चीनी महामारी एक्सपर्ट डॉ. जॉर्ज गाउ के बीच हुई बातचीत डंके की चोट पर इस बात की तस्दीक करता है, जिससे हम मुंह नहीं फेर सकते हैं। चीन ने अमेरिका और पूरी दुनिया में जो बर्बादी मचाया है, उसके लिए उसे 10 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना भरना चाहिए।’ आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शासनकाल में अमेरिकन खुफिया एजेंसियों को कोरोना वायरस को लेकर जांच करने को कहा था, जिसमें कई खुलासे हुए हैं। अमेरिकन खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट, जो पिछले महीने आई है, उसमें कहा गया है कि चीन 2015 से ही जैविक हथियार बनाने के कार्यक्रम में जुटा हुआ है।
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने आरटीआई के जरिए डॉ. एंथनी फाउची का 866 पन्नों का ईमेल चैट हासिल किया है, जिससे साफ पता चलता है कि डॉ. एंथनी फाउची का चीन के महामारी एक्सपर्ट्स के साथ गहरे ताल्कुकात थे और वो चीन के टॉप महामारी एक्सपर्ट से लगातार संपर्क में थे। रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. एंथनी फाउची और चीन के महामारी एक्सपर्ट डॉ. जॉर्ज गाउ, जो चायनीज सेन्टर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर हैं, दोनों में कोरोना वायरस के दुनिया में फैलने के समय लगातार बात हो रही थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने कई ईमेल को सार्वजनिक किया है, जिसमें पिछले साल अप्रैल महीने में डॉ. एंथनी फाउची और अमेरिकी महामारी एक्सपर्ट डॉ. जॉर्ज गाउ के बीच बातचीत है। इस चैट में डॉ. फाउची बेहद दोस्ताना अंदाज में डॉ. जॉर्ज से बात कर रहे हैं लेकिन वो एक बार भी कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीनी एक्सपर्ट से नहीं पूछ रहे हैं।
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने डॉ. एंथनी फाउची और बिल गेट्स के बीच हुई बातचीत को भी सार्वजनिक किया है। दोनों के बीच बातचीत कोरोना महामारी के आने के शुरूआती दिनों में हुई थी। एक अप्रैल को डॉ. एंथनी फाउची ने बिल गेट्स से टेलीफोन पर बातचीत की थी। जिसमें वो बिल गेट्स-मेलेनिया फाउंडेशन को कोरोना वायरस वैक्सीन निर्माण के लिए कहा था। एक ईमेल में बिल गेट्स से डॉ. एंथनी फाउची कहते हैं कि उन्हें सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए।