सीतापुर: कोरोना काल में मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली खबर उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से सामने आई है। दरअसल, यहां एक पिता अपने मासूम बेटे के शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने गिड़गिड़ता रहा। लेकिन उसे कोई शव वाहन नहीं तो वो अपने बेटे के शव को बाइक पर ही रखकर खुद ले गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को दरकिनार करते हुए सारी जिम्मेदारी पुलिस पर डाल दी।
ये मामला सीतापुर जिले के तालगांव थानाक्षेत्र के देवरिया गांव का है। प्राप्त समाचार के मुताबिक, गांव निवासी अंकुर (10) को मंगलवार को कसरैला के निकट अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस पर अंकुर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ देर तक इलाज के बाद अंकुर ने दम तोड़ दिया। इस पर अस्पताल प्रशासन ने रात होने के चलते शव को अस्पताल की मच्युरी में रखवा दिया था। पुलिस ने पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए तैयार किया और जिला अस्पताल के वाहन से शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने की बात बताई गई।
इस पर परिवारजन ने इमरजेंसी में संपर्क साधा। पिता के मुताबिक इमरजेंसी में कर्मियों ने वाहन चालक से बात की। उसने 10 मिनट में आने की बात बताई। एक घंटे बाद भी चालक नहीं आया तो परिवारजन दोबारा गए। पिता का आरोप है कि चालक नशे में धुत था। समय गुजर रहा था। करीब डेढ़ घंटा इंतजार करते हो चुका था। ऐसे में परिवारजन बाइक पर ही शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस चले गए। इसको देखकर हर कोई दंग रह गया। वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल अग्रवाल ने कहा कि पुलिस पंचनामा करके ही शव गृह तक पहुंचाती है। रही बात शव वाहन की तो अस्पताल में मौजूद रहता है। हो सकता है वाहन कहीं शव लेकर गया हो। ड्राइवर के शराब पीने का आरोप निराधार है।