नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एंटी कोरोना वायरस दवा ‘2-डीजी’ (2DG) अगले हफ्ते मार्केट में लॉन्च होने वाली है। शुक्रवार (14 मई) को डीआरडीओ ने ये जानकारी दी है। डीआरडीओ के मुताबिक कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ‘2-डीजी’ दवा की 10,000 खुराक का पहला बैच अगले सप्ताह की शुरुआत में बाजार में लॉन्च किया जाएगा। डीआरडीओ के अधिकारी ने बताया, ‘कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 2डीजी दवा की 10,000 खुराक की पहली खेप अगले सप्ताह की शुरुआत में शुरू की जाएगी और मरीजों को दी जाएगी।
डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया, “दवा निर्माता भविष्य में उपयोग के लिए दवा के उत्पादन में तेजी लाने पर काम कर रहे हैं। दवा को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की एक टीम ने विकसित किया है, जिसमें डॉ अनंत नारायण भट्ट भी शामिल हैं।”
शुक्रवार (14 मई) को कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने डीआरडीओ परिसर का दौरा किया था। जहां डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने मंत्री को 2-डीजी दवा के बारे में जानकारी दी और कहा कि ये कोविड-19 लड़ाई में गेम-चेंजर हो सकती है।
डीआरडीओ द्वारा विकसित 2-डीजी दवा एक बड़ा ब्रेक-थ्रू है और महामारी के खिलाफ लड़ाई में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। इस दवा का नाम 2-deoxy-D-glucose (2-DG) रखा गया है। इस दवा का निर्माण भारत में डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज करेगी। यह दवा एक पाउडर की तरह सैशे में आएगी, जिसे मरीजों को पानी में घोलकर दिया जाएगा। शनिवार (08 मई) को भारत में इस दवा को उपयोग करने के लिए मंजूरी दे दी गई है।
दवा के बार में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की तेजी से रिकवरी में मदद करता है और ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करता है। पीएम-केयर्स फंड 322.5 करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीकेयर सिस्टम की 1.5 लाख यूनिट खरीदेगा। दावा किया गया है कि रिसर्च के दौरान बड़ी संख्या में इस दवा का उपयोग करने वाले लोग आरटीपीसीआर टेस्ट में कोविड-19 निगेटिव पाए गए हैं।
डीआरडीओ ने इसके अलावा एक ऑक्सीकेयर सिस्टम भी डेवलप किया है। जो मरीजों के ऑक्सीजन प्रवाह की जांच करेगा। इससे मेडिकल सिस्टम पर थोड़ा लोड कम होगा। ऑक्सीकेयर सिस्टम डीआरडीओ द्वारा विकसित एक व्यापक प्रणाली है जो रोगियों को उनके SpO2 लेवल्स की जांच करेगा।