जयपुर: राजस्थान सरकार ने ऑक्सीजन और वैक्सीन की कमी के बाद अब वेंटिलेटर की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। दरअसल, अशोक गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार पर डिफेक्टिव वेंटिलेटर देने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने इन वेंटिलेटर की खरीद प्रक्रिया की जांच की मांग की है। आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले पीएम केयर्स फंड के जरिए राजस्थान के प्राइवेट अस्पतालों के ये सरकारी वेंटिलेटर मुहैया कराए गए थे।
अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र की तरफ से राजस्थान सरकार को 1900 वेंटिलेटर मुहैया कराए गए थे। इन वेंटिलेटर की इंस्टॉलेशन और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार की ही थी। अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के डॉक्टरों ने इन वेंटिलेटर में तकनीकी कमियां बताई हैं, साथ ही कहा है कि इनका इस्तेमाल मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है, इसलिए इन वेंटिलेटर की खरीद की जांच की जाए।
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि डॉक्टरों ने इन वेंटिलेटर में डॉक्टरों ने प्रेशर ड्रॉप की समस्या बताई है, जिसकी वजह से वेंटिलेटर लगातार 1-2 घंटे काम करने के बाद बंद हो जाते हैं। पीआईओ2 में अचानक कमी आने की समस्या है, ऑक्सीजन सेंसर और कंप्रेसर के फेल होने की समस्या है। सीएम गहलोत ने बताया कि उदयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. लखन पोसवाल ने भी 5 अप्रैल को हुई कोविड समीक्षा बैठक में इन वेंटिलेटरों की समस्या को उठाया था। आपको बता दें कि केंद्र से मिले वेंटिलेटर में राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात से भी कमियों की खबरें आती रही हैं।