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लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश के अंदर अनाथ हुए बच्चों के जीवन को संवारने का बड़ा बीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया है। इसके लिए उन्होंने ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुट गया है। योजना के तहत चिन्हित बच्चों की लिस्टिंग समेत पात्रता की शर्तों और जिलों में योजना को अमलीजामा पहनाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चलाई गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना है। इतना ही नहीं, कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण, पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने जानकारी देते हुए बताया कि पोस्ट कोविड में अभिभावक की मृत्यु होने पर भी यह सहायता मिलेगी।
कहा कि कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 का इन्फेक्शन होना माना जा सकता है। इसके अलावा कोविड मरीज की विभिन्न परिस्थितियों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड जटिलताओं के चलते मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड की वजह से ही मानी जायेगी।
‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत ऐसे बच्चों को लाभ मिलेगा, जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो। इसके साथ ही एक परिवार के सभी (जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिए गए) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
पात्र बच्चे के वैध संरक्षक का चिन्हांकन जनपद स्तरीय टास्क फ़ोर्स करेगी और जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति भी इन बच्चों के समुचित विकास पर नजर रखेगी।
महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी विभाग की ओर से तय कर दी गई है। इस योजना में शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो। या माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गयी। अथवा दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी। इसके अलावा शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो और वह परिवार का मुख्य कर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रूपए प्रतिवर्ष से अधिक न हो को भी योजना में शामिल किया गया है।
ऐसे करें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए आवेदन
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में आवेदन करने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 दिन के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जायेगी। निर्धारित प्रारूप पूर्ण रूप से भरकर ऑफ़लाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी या विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा करना होगा। शहरी क्षेत्रों में लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किये जा सकते हैं। माता-पिता/माता या पिता की मृत्यु से दो वर्ष के भीतर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा।
ये होंगी जरूरी दस्तावेज
– बच्चे एवं अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन
– माता/पिता/दोनों जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाण पत्र
– कोविड-19 से मृत्यु का साक्ष्य
– आय प्रमाण पत्र (माता-पिता दोनों की मृत्यु की स्थिति में जरूरी नहीं) – बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
– शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र
– उत्तर प्रदेश का निवासी होने का घोषणा पत्र
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