लखनऊ: बुधवार देर रात योगी सरकार ने अपना एक विवादित फैसला वापस लिया है। अब टीकाकरण करवाने के लिए राज्य का मूल निवासी होना जरूरी नहीं है, बस निवासी होना जरूरी है यानी कि अब वैक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड होना आवश्यक नहीं है। अब राज्य में वैक्सीन लगवाने के लिए इंसान को आधार और स्थाई निवास प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है, केवल यूपी के निवासी होने का प्रूफ देना होगा और अस्थाई रूप से रह रहे लोगों और उनकी फैमिली को भी कोरोना का टीका लग जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले यूपी सरकार ने आधार कार्ड वालों को ही टीके लगाने का निर्देश दिया था। क्योंकि नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर की तरफ क लेटर सरकार को लिखा गया था कि यूपी में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि दूसरे राज्यों के मूल निवासी हैं और अस्थाई रूप से प्रांत में रह रहे हैं, इन लोगों ने भारी संख्या में वैक्सीनेशन ( 18 से 44 साल) के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसकी वजह से यूपी वासियों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। इसके बाद योगी सरकार ने यूपी में वैक्सीन के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया था, जिस पर काफी बवाल मचा था। मालूम हो कि इस वक्त पूरे राज्य में टीकाकरण प्रोग्राम चल रहा है।
मालूम हो कि कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 18,125 नए केस सामने आए है, जिसके बाद राज्य में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 2,06,615 पहुंच गई है, राज्य मेंरिकवरी रेट 85.7% पहुंच गई है, जबकि 26,712 लोग ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश के 18जिलों में 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण अभियान चल रहा है और अब तक राज्य में 1,11,63,988 लोगों को वैक्सीन की पहली और 29,35,607 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है।