World Tourism Day 2023
दिल्ली-एनसीआर

World Tourism Day 2023: कम बजट में इन जगहों पर ले घूमने का मजा

World Tourism Day : यदि आप आज कहीं पर घुमने का विचार बना रहे हैं तो आज का दिन सर्वश्रेष्ठ दिन है। क्योंकि आज विश्व पर्यटन दिवस है। ऐसे में यदि आप कहीं पर घुमने जाते हैं और वापस लौटते हैं तो आप विश्व पर्यटन दिवस का आनंद भी उठा सकते हैं। यदि आप नोएडा या दिल्ली में निवास करते हैं तो आज के आज में आप कहां पर घुमने जा सकते हैं, इसकी जानकारी इस आर्टिकल में दी जा रही है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जो पैलेस हम आपको बताएंगे, वहां जाने के लिए आपको लंबी चौड़ी तैयारी करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

आपको बता दें कि टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में ऐसी कई खूबसूरत और ऐतिहासिक जगहें हैं, जहां घूमने के लिए हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं।

World Tourism Day 2023

दिल्ली का अक्षर धाम मंदिर

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह दिल्ली के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में शुमार है. इस मंदिर का निर्माण नक्काशीदार संगमरमर के किया गया है। इस मंदिर में 10 हजार साल पुरानी भरतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता को दर्शाया गया है। अक्षरधाम मंदिर में स्थित मुख्य मूर्ति भगवान स्वमीनारायण की है। इस मंदिर का परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से किया गया है। इस मंदिर का उद्घाटन 6 नवंबर 2005 में किया गया था, जबकि 8 नवंबर 2005 को दर्शन के लिए खोल दिया गया था।

World Tourism Day 2023
World Tourism Day 2023

दिल्ली का लाल किला

दिल्ली स्थित लाल किला मुगलों की शानदार विरासत की कहानी कहता है। यह यूनेस्को की ओर से घोषित विश्व धरोहर स्थल है। बेहतरीन लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। यह किला-ए-मुबारक के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कई सुंदर महल, गुंबददार इमारतें और मस्जिदें हैं। लाल किले की वास्तुकला इस्लामी, फारसी, तैमूरी, और हिंदू शैलियों की मिलीजुली शैली का शानदार नमूना दिखातीं हैं।

लाल किले की अलग बनावट और शानदार वास्तुकला को देखकर राजस्थान, दिल्ली और आगरा के कई स्मारकों को बनवाया गया है। अगर सैलानी पुरानी दिल्ली की सैर कर रहे हैं, तो यह ऐतिहासिक किला इस सैर को और खास बनाता है। साथ ही, सैलानियों को एक बीते युग की भव्यता की तारीफ करने का मौका देता है।

विश्व की दूसरी सबसे ऊंची मीनार

अगर आप दिल्ली घूमने जा रहे हैं तो कुतुब मीनार देखना आपको बिल्कुल मिस नहीं करना चाहिए। यह ऐतिहासिक इमारत इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है. ईंट की बनी यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है ज‍िसका न‍िर्माण 12वीं शताब्‍दी में हुआ था। कुतुब मीनार 73 मीटर ऊंची है और ऊपर तक पहुंचने के ल‍िए आपको 379 सीढ़‍ियां चढ़नी पड़ती हैं। 73 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊंची ईंट मीनार है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है. इस ऐतिहासिक मीनार की भव्यता और आर्कषण के चर्चे तो दुनिया भर में हैं, क्योंकि जो भी इस मीनार को देखता है, इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता है।

आपको बता दें कि इस अद्भुत कुतुबमीनार के निर्माण में मुगलकालीन वास्तु शैली का इस्तेमाल किया गया है। मध्यकालीन भारत में बनी इस इमारत को मुगल काल की वास्तुकला की सबसे सर्वश्रेष्ठ इमारत भी माना जाता है, क्योंकि वास्तुकारों और शिल्पकारों ने छोटी-छोटी बारीकियों को ध्यान में रखकर इस मीनार की बेहद खूबसूरत नक्काशी की है।

पर्यटकों की पहली पसंद इंडिया गेट

दिलवालों के शहर दिल्ली की जब भी बात होती है तो सबसे पहले जो चित्र दिमाग में आता है वो है इंडिया गेट का। इस इंडिया गेट को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। इंडिया गेट एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ था। शुरूआत में इस स्मारक का नाम ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ रखा गया था। इंडिया गेट की दीवारों पर इन सैनिकों के लिखे हुए नामों को भी देखा जा सकता है।

आपको बता दें कि हाल ही के वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार ने इंडिया गेट का सौंदर्यीकरण कराया है। इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति लगातार 1971 से जल रही है। अमर जवान ज्योति का निर्माण आजादी के बाद हुआ। 3 दिसम्बर 1971 से 16 दिसम्बर 1971 तक पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति संग्राम के समय भारतीय सेना का पाकिस्तान का साथ टकराव (1971 का इंडो-पाक युद्ध) हुआ था। स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माण में भारतीय सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें हजारो भारतीय सैनिको को अपनी जान गंवानी पड़ी. दिसम्बर 1971 में इंडो-पाक युद्ध के बाद इंदिरा गांधी ने अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट के नीचे बनवाने में आर्थिक सहायता की थी। इस स्मारक का निर्माण 1971 के इंडो-पाक युद्ध में मारे गए भारतीय सैनिको में याद में किया गया था।

इसलिए मनाते हैं विश्व पर्यटन दिवस

पर्यटन दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यटन के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने और लोगों को पर्यटन के प्रति जागरूक करने और अधिक से अधिक पर्यटन स्थलों के बारे में लोगों को जानकारी देना है। पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटक परिवहन से लेकर होटल और पर्यटन स्थलों के टिकट पर खर्च करते हैं। इससे राजस्व की बढ़ोतरी होती है। ये है विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास: साल 1980 में पहली बार विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया था। जिसकी शुरुआत के पीछे संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन था। इस खास दिन को मनाने के लिए 27 सितंबर की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इसी दिन साल 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन को मान्यता प्राप्त हुई थी। लिहाजा संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन की वर्षगांठ के मौके पर विश्व पर्यटन दिवस मनया जाता है। इस साल विश्व पर्यटन दिवस 2023 की थीम “पर्यटन और हरित निवेश” है।

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